प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

बैठी रहू यमुना पे आस








 



                                                                              


श्याम  नही  आए  घनश्याम  नही  आए ....... बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये श्याम  नही  आए  घनश्याम  नही  आए ....... बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये |

                                                                                   तेरे दर्श को दुःख गये नैना....

तेरे दर्श को दुःख गये नैना आए न दिल को प्यारे अब तो चैना....
कोई जाके दिल का हाल सुनाये....... बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये........

श्याम  नही  आए  घनश्याम  नही  आए ....... बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये
श्याम  नही  आए  घनश्याम  नही  आए ....... बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये |

कह के गये थे  मै आऊंगा परसों............बैठे बैठे यमुना पे बीत गये  बरसो........
तेरे बिना दिल चैन नही पाए..........बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये........


श्याम  नही  आए  घनश्याम  नही  आए ....... बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये
श्याम  नही  आए  घनश्याम  नही  आए ....... बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये |


श्याम  नही  आए  घनश्याम  नही  आए ....... बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये
श्याम  नही  आए  घनश्याम  नही  आए ....... बैठी  रहू  यमुना   पे   आस लगाये |


text 2011, copyright © bhaktiprachar.in
Share:

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

Blog Archive

Copyright © ~::PremMadhuray::~ |