म्हाने साची बताओ दीनानाथ बिरज कब आवोगा ||
फुला भरी है छाबड़ी जी माला पोई चार |
यह माला सावरीयो पहर सहश्र गोपियारो ||
चुन चुन फुलडा सेज बिछाई अन्तर दियो छिटकाय |
यह सेज सावरीयो सोव सहश्रा गोपियारो ||
चन्द्र सखी की विनती जी सुनियो चित लगाय |
फुलदोल पर आया रियो नहीं तो तजुंगी मै पराण ||
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