प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

गोपाल तेरी पूजा हम से न बनी रे





गोपाल तेरी पूजा हम से न बनी रे...नंदलाला तेरी पूजा हम से न बनी रे...
             हम से न बनी रे.............हम से न बनी रे..........
गोपाल तेरी पूजा हम से न बनी रे...नंदलाला तेरी पूजा हम से न बनी रे...
1. कहा पाऊ सरयू मै......... कहा पाऊ गंगा.....
कहा पाऊ  यमुना अमृत से भरी रे .......नंदलाला तेरी पूजा हम से न बनी रे...
2.कहा पाऊ मोर  मुकुट कहा पाऊ पताका ...कहा पाऊ लकुटी हिरो से जड़ी रे
तेरी कहा पाऊ लकुटी हिरो से जड़ी रे
3. कहा पाऊ चन्दन   मै ..कहा पाऊ तुलसी....
कहा पाऊ डलिया फूलो से भरी रे......नंदलाला तेरी पूजा हम से न बनी रे...
4.कहा पाऊ माखन.... मै कहा पाऊ मिश्री....
कहा पाऊ मटकी दही से भरी रे........नंदलाला तेरी पूजा हम से न बनी रे...
5.मैंने सुना है तुम भक्ति से मिलते हो ...
कहा पाऊ भक्ति मै भाव भरी रे....नंदलाला तेरी पूजा हम से न बनी रे...

गोपाल तेरी पूजा हम से न बनी रे...नंदलाला तेरी पूजा हम से न बनी रे...
             हम से न बनी रे.............हम से न बनी रे..........
गोपाल तेरी पूजा हम से न बनी रे...नंदलाला तेरी पूजा हम से न बनी रे...

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