राधे तेरे चरणों की गर धूल ही मिल जाये !
सच कहती हूँ मेरी तकदीर बदल जाये !!
सुनते है तेरी रहमत दिन रात बरसती हैं !
इक बूंद ही मिल जाये मन की कली खिल जाये !!
ये मन बड़ा चंचल है कैसे तेरा भजन करूँ !
जितना इसे समझाऊँ उतना ही मचल जाये !!
नजरो से गिराना ना चाहे जितनी सजा देना !
नजरो से जो गिर जाये मुश्किल ही संभल पाए !!
श्यामा इस जीवन में बस इतनी तमन्ना है !
तुम सामने हो मेरे , मेरा दम ही निकल जाये !!
राधे तेरे चरणों की गर धूल ही मिल जाये !
सच कहती हूँ मेरी तकदीर बदल जाये !!
सच कहती हूँ मेरी तकदीर बदल जाये !!
सुनते है तेरी रहमत दिन रात बरसती हैं !
इक बूंद ही मिल जाये मन की कली खिल जाये !!
ये मन बड़ा चंचल है कैसे तेरा भजन करूँ !
जितना इसे समझाऊँ उतना ही मचल जाये !!
नजरो से गिराना ना चाहे जितनी सजा देना !
नजरो से जो गिर जाये मुश्किल ही संभल पाए !!
श्यामा इस जीवन में बस इतनी तमन्ना है !
तुम सामने हो मेरे , मेरा दम ही निकल जाये !!
राधे तेरे चरणों की गर धूल ही मिल जाये !
सच कहती हूँ मेरी तकदीर बदल जाये !!
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