प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

राधे तेरे चरणों की गर धूल ही मिल जाये








राधे तेरे चरणों की गर धूल ही मिल जाये !

सच कहती हूँ मेरी तकदीर बदल जाये !!




सुनते है तेरी रहमत दिन रात बरसती हैं !


इक बूंद ही मिल जाये मन की कली खिल जाये !!




ये मन बड़ा चंचल है कैसे तेरा भजन करूँ !


जितना इसे समझाऊँ उतना ही मचल जाये !!




नजरो से गिराना ना चाहे जितनी सजा देना !


नजरो से जो गिर जाये मुश्किल ही संभल पाए !!




श्यामा इस जीवन में बस इतनी तमन्ना है !


तुम सामने हो मेरे , मेरा दम ही निकल जाये !!




राधे तेरे चरणों की गर धूल ही मिल जाये !


सच कहती हूँ मेरी तकदीर बदल जाये !!
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