प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

सुनो दिल जानी मेरे दिल की जुबानी तुम




सुनो दिल जानी मेरे दिल की जुबानी तुम ,दस्त ही बिकानी बदनामी भी सहूंगी मै|
देवपूजा ठानी मै निवाजहू भुलानी,तजे कलमा-कुरान साडे गुननि गहुंगी मै ||
सांवला सलोना सिरताज सिर कुल्ले दिए,तेरे नेह दाग में निदाघ है दहुंगी मै |
नन्दके कुमार,कुरबान तेरी सूरत पे,हाँ तो मुगलानी हिन्दुवानी है रहूंगी मै
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