प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Tuesday, January 24

कृष्ण जन्म

सूरदास ले बाल-रूप
यशोदा ले माखन
अतृप्त ममता का प्यार
लिए खडी है देवकी
गागर भरकर गोपियाँ
प्रेम रंग में उधो
गर्व लिए वासुदेव और नन्द
प्रतीक्षित मंद मुस्कान संग राधा
जोगन बनी मीरा
सब हैं मगन रंग
जन्म लीला करने को आए
कृष्ण बांसुरी के संग

बांसुरी की धुन में गाओ सब मिलकर
जनम लियो कृष्ण अवतार लेकर
होगा चमत्कार
आयेंगे इन्द्र मेघ समूह लेकर
यमुना फिर झूमेगी
धरती भी झूमेगी
किसान झूम-झूम गायेंगे
खेत लहलहाएंगे
आए कृष्ण घुटने पर
बादलों का राग लिए
विद्युत - सी शोभा लिए
मुसलाधार बारिश लिए -- -
 

भीगी-सी काया लिए
मैं बनी यशोदा
दुलारा है ललना को
लगाया है काजल
'यदा यदा ही धर्मस्य ....' की गूँज है
बारिश की बूंदों में
ब्रह्माण्ड मेरी गोद में
प्रकृति इतराई है

गोकुळ के भाग खुले
दसो दिशी द्वार खुले
कलयुग की धरती पर
कृष्ण के पाँव पड़े
 
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