प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

गोलोक ते आई बरसाने श्यामा






गोलोक ते आई बरसाने श्यामा।
चलो री बधाई गाने सब ब्रज धामा।।

चलो बरसाने बधाई गाने बामा।
सुनि के बधाई मुसका देंगी श्यामा।।

बधाई लो,बधाई लो बधाई कीर्ति बामा।
तेरी गोद प्रकट भई ब्रह्म श्यामा।।

बधाई मेँ कौन कौन गुण गाउँ श्यामा।
तू तो है अगनित गुनगन धामा।।

बधाई गवाई कछु ना दे कीर्ति बामा।
गोद मेँ ले दुलराऊ तेरी लाली श्यामा।।

कीर्ति मैया आई में बधाई गाने धामा।
न्योछावर मांगू प्रेम निष्काम श्यामा।।

राधा नाम परम सुखदाई, भजतहिं कृपा करहिं यदुराई॥
यशुमति नन्दन पीछे फ़िरिहैं, जो कोउ राधा नाम सुमिरिहैं॥

रास विहारिनि श्यामा प्यारी, करहु कृपा बरसाने वारी॥
वृन्दावन है शरण तिहारी, जय जय जय वृषभानु दुलारी॥
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