प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

अब और किसी को निहारेंगे क्या ?






जब सौप दिया सब भार तुम्हे,
फिर मारो या त्यारो कहे हम क्या ?
अब अप ही प्यारे विचार करो ,
इस दीन दुखी को सहारा है क्या ?
मझधार में लाके डुबाओ हमें ,
चाहे पार लगाओ किनारे पे ला |
हम तेरे है तेरे रहेंगे सदा,
अब और किसी को निहारेंगे क्या ?
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