प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Thursday, January 26

घर दिल नही लगदा मेरा







घर दिल नही लगदा मेरा,वे छेती आ कृष्णा |
बिन तेरे होर न मेरा,वे छेती आ कृष्णा ||
दुखड़े फोल सुनावां किसनू,नजर न आवे कोई अपना मैनू|
बाझ तेरे है केहड़ा || वे छेती आ कृष्णा.....
दिल छलया मेरा कृष्ण मुरारी,लग गयी ह्रदय आन बीमारी|
दुखड़ा बहुत घनेरा||वे छेती आ कृष्णा.....
चन्न सूरज चाहे चढ़न हजारां,तेरे बाझों मै झातियाँ मारां |
दिसदा घोर अनेरा ||वे छेती आ कृष्णा.....
ईशर देई दे कष्ट मिटावीं,औगुनहारी दी आस पुजावीं||
मै रखया आसरा तेरा||वे छेती आ कृष्णा.....
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