प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

इक वारी ते दर्शन दिखा कृष्णा







इक वारी ते दर्शन दिखा कृष्णा,हाय बहुता न मैनू तडफा कृष्णा
मै नौकर तेरे चरना दी,मैनू अपनी दासी बना कृष्णा
बेड़ी डुबदी मेरी नमानी दी,आके आपे ही पार लगा कृष्णा
धन दौलत उमर गवां बैठी,हर तरह एह जग अजमा बैठी
फंस गईयाँ भूल भुलेखे मैं, हुन आपे हो आके बचा कृष्णा
मै रो रो हाल गंवाया ऐ,तैनू तरस जरा नही आया ऐ
ईशर देई अर्जां पई करदी ऐ,हुन तू ही आके छुड़ा कृष्णा
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