प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

जादू भरी तेरी आंखे जिधर गई



जादू भरी तेरी आंखे जिधर गई ..घायल  कर के जिगर में उतर गई..
निरख छाटा घनघोर घटा भावना की उमड़ गई...घायल  कर के जिगर में उतर गई..
जादू भरी तेरी आंखे जिधर गई ..घायल  कर के जिगर में उतर गई.
प्रेम की लड़ी... अड़ी दृग दोनों..
प्रेम की लड़ी...अड़ी दृग दोनों..बरस पड़ी मोती सी बिखर गई...
जादू भरी तेरी आंखे जिधर गई ..घायल  कर के जिगर में उतर गई..


तिंक कंकिनी नैन पड़े नैन होत बैचैन...उन नैनन में चैन कहा जिन नैनन में नैन

अब पल पलक टरत नहीं टारे ..अब पल पलक टरत नहीं टारे
छिन छोरत जनु जान निकर गई...
जादू भरी तेरी आंखे जिधर गई ..घायल  कर के जिगर में उतर गई..
न पिने का शौक था न पिलाने का शौक था
पर...नजरे भी उनसे मिला बैठे जिन्हें नजरो से पिलाने का शौक था
जादू भरी तेरी आंखे जिधर गई ..घायल  कर के जिगर में उतर गई..
नैन कटारी बारी बारी  पलकन मारी..
नैन कटारी बारी बारी  पलकन मारी..
जादू की पिटारी जिया छुई-मुई कर गई
जादू भरी तेरी आंखे जिधर गई ..घायल  कर के जिगर में उतर गई..


मेरी सुनी पड़ी महफ़िल को सजा देता है ...
मेरे मायूस चहरे को वो खिला देता है..
मै किसी जाम का मोहताज नहीं हूँ...
मेरा प्यारा मुझे आँखों से पिला देता है
Share:

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

Blog Archive

Copyright © ~::PremMadhuray::~ |