प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

गाइये गणपति गजबदन








गाइये गणपतिगजबदन  जगबंदन | संकर-सुवन भवानी-नंदन ||
सिद्धि-सदन,गजबदन,विनायक | कृपासिन्धुसुन्दर सबलायक ||
मोदक-प्रिय,मुद-मंगल-दाता | बिध्या-बारिधि बुद्धि-बिधाता ||
मंगत तुलसीदासकर जोरे| बसहि रामसियमानस मोरे||
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