प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

मो सम कौन कुटिल खल कामी|





मो सम कौन कुटिल खल कामी|
जिन  तनु दियो ताहि बिसरायो,ऐसो  नरकहरामी ||
भरि-भरि उदर बिषयको धायो जैसे सुकर-ग्रामी |
हरिजन छाड़ी हरि बिमुखन की निसि दिन करत गुलामी ||
पापी कौन बड़ो जग मोते सब पतितन में नामी|
सूर पतित को ठौर कहा है,तुम बिनु श्री पति स्वामी ||
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