श्री राधा रानी महाभाव्रुपा है और वह नित्य निरंतर अनान्द्रसर रसराज,अनंत ऐश्वर्य-अनंत सौन्दर्य-माधुर्य-लावन्यनिधि.सच्चिदानंद-साद्राग, अविचिंत्याशक्ति प्रियतम श्री कृष्ण को आनंद प्रदान कराती रहती है | इस अहलादनी शक्ति कि लाखो अनुगामिनी शक्तिया मूर्तिमती होकर प्रतिक्षण सखी,मंजरी,सहचरी और दुति आदि रूपों से श्रीराधाकृष्ण कि सेवा किया कराती है,श्री राधाकृष्ण को सुख पहुचाना और उन्हें प्रसन्न करना ही इनका एक मात्र कार्य होता है, इन्ही का नाम गोपीजन है |
Friday, January 27
श्री राधा रानी महाभाव्रुपा है और वह नित्य निरंतर अनान्द्रसर रसराज,अनंत ऐश्वर्य-अनंत सौन्दर्य-माधुर्य-लावन्यनिधि.सच्चिदानंद-साद्राग, अविचिंत्याशक्ति प्रियतम श्री कृष्ण को आनंद प्रदान कराती रहती है | इस अहलादनी शक्ति कि लाखो अनुगामिनी शक्तिया मूर्तिमती होकर प्रतिक्षण सखी,मंजरी,सहचरी और दुति आदि रूपों से श्रीराधाकृष्ण कि सेवा किया कराती है,श्री राधाकृष्ण को सुख पहुचाना और उन्हें प्रसन्न करना ही इनका एक मात्र कार्य होता है, इन्ही का नाम गोपीजन है |
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