प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Tuesday, February 28

मेरी श्यामा~ अनुराग की द्रष्टि करो मुझ पर पद-कमल पराग बना लो मुझे






अनुराग की द्रष्टि  करो मुझ पर पद-कमल पराग बना लो मुझे
नुपुर ही बनू तेरी पायल का..छम-छम से ही साथ लगा लो मुझे..
चरणों की लाली बना लो मुझे..महावर बना के रचा लो मुझे..

मै शुभा  बनू कर कमलो की..मेहँदी बना के लगा लो मुझे ..
मै माला बनू तेरे उर की ..तुम अंग से श्यामा लगा लो मुझे ..
महका दू  तेरे तन मन  को ..(जो )इत्र बना के लगा लो मुझे ..
छाया कर दू तेरे मुख पर आँचल का सितारा बना लो मुझे..



जय जय श्री राधे
मै बन जाऊ सुहाग पिया..मस्तक का टीका बना लो मुझे
मै कालिया बनू तेरे गजरे की..केशो की ही सौभा बना लो मुझे..
बस जाऊ तेरे नैनो में.. काजल बना के लगा लो मुझे..
अधरों पे रच जाऊ श्यामा.. पान की लाली बना लो मुझे..
जिस पथ पर श्यामाश्याम चलो उस पथ की ही धुल बना लो मुझे..
 



 अनुराग की द्रष्टि  करो मुझ पर पद-कमल पराग बना लो मुझे
 अनुराग की द्रष्टि  करो मुझ पर..पद-कमल पराग बना लो मुझे





जय जय श्री राधे
Share:

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

Copyright © ~::PremMadhuray::~ |