~::PremMadhuray::~
प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।
Home
Friday, February 3
ज्योही ज्योही तुम
February 03, 2012
No comments
ज्योही
ज्योही
तुम
राखत
हो
त्योही
त्योही
रहियतु
है
हो
हरि
|
और
अचरचै
पाई
धरो
,
सु
तो
कहो
कौन
के
पैड
भरि
||
जदपि
हों
अपनो
भयो
कियो
चाहो
,
कैसे
करि
सको
जो
तुम
रखो
पकरि
|
कहि
हरिदास
पिंजरा
के
जनावारलो
,
तरफराइ
रह्यो
उडिबे
को
कितो
उकरि
||
Share:
Email This
BlogThis!
Share to X
Share to Facebook
Newer Post
Older Post
Home
0 comments:
Post a Comment
Popular Posts
दिला दो भीख दर्शन
दिला दो भीख दर्शन की प्रभु तेरा भिखारी हूँ || चलकर दूर देश से, तेरे दरबार मै आया | खड़ा हूँ द्वार पे दिल में , तेरी आशा का धारी हूँ || फिरा स...
jai jai krishna hare
केदार राग~भक्त
यह राग कल्याण थाट से निकलता है। इसमें शुद्ध व तीव्र दोनों "म" लगाये जाते है। इसके आरोह में "रे" और "ग" को नहीं...
surdas-prem-madhuray
1. माँ यसोदा राधा जी से पूछती है 2. बुझत स्याम कोन तू गोरी ! 3. नाम कहा तेरो री प्यारी
I bow my head in the lotus like feet
I bow my head in the lotus like feet of Radha Rani. I pay my thankful grattitude for her divine grace. I urge for the side long glance of sh...
Blog Archive
►
2017
(2)
►
May
(2)
►
2015
(1)
►
July
(1)
►
2014
(2)
►
January
(2)
►
2013
(5)
►
December
(1)
►
August
(2)
►
January
(2)
▼
2012
(130)
►
September
(1)
►
August
(17)
►
July
(1)
►
May
(2)
►
April
(3)
►
March
(4)
▼
February
(16)
मेरी श्यामा~ अनुराग की द्रष्टि करो मुझ पर पद-कमल ...
PREMMADHURAY~websitelaunching
माँ
प्रेमी
यमुना पुलिन कुंज
मोहन के अति नैन नुकीले
नैन चकोर~मुखचंद
लजीले-सकुचीले~lalitkishori ji's bhaw
सुनो दिल जानी ~ताज बेगम~bhaw
गौर-श्याम बदनारबिंद
प्रेमसमुद्र रुपरस
shri swami haridas ji's pad
ब्रंदाबन सों बन उपबन सों,
काहूको बस नहीं तुम्हारी कृपा ते
ज्योही ज्योही तुम
हित तौ कीजै कमलनैन सों
►
January
(86)
Copyright ©
~::PremMadhuray::~
|
0 comments:
Post a Comment