प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Friday, February 3

लजीले-सकुचीले~lalitkishori ji's bhaw





लजीले, सकुचीले, ससीले, सुरमीले से,
कटीले और कुटीले, चटकीले मटकीले हैं।

रूप के लुभीले, कजरीले उनमीले, बर-

छीले, तिरछीले से फँसीले औ गँसीले हैं॥

'ललित किसोरी' झमकीले, गरबीले मानौं,

अति ही रसीले, चमकीले औ रँगीले हैं।

छबीले, छकीले, अरु नीले से, नसीले आली,

नैना नंदलाल के नचीले और नुकीले हैं॥
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