प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Friday, February 3

काहूको बस नहीं तुम्हारी कृपा ते

  




काहूको बसनहीं तुम्हारीकृपा ते, सब होयबिहारी बिहारिनि|
और मिथ्या प्रपंचकाहे कोभाषिये, सोतो हैहारनि ||
जाहि तुमसो हितताहि तुमहित करो, सब सुखकारनि |
श्रीहरिदास के स्वामीश्यामा कुंजबिहारी,प्राननिके आधारनि|| 
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