प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, August 22

आंखे बंद करूँ या खोलूं

आंखे बंद करूँ या खोलूं
मुझको दर्शन दे देना .
दर्शन दे देना, साईं मुझे
दर्शन दे देना ..
मैं नाचीज़ हूँ बन्दा तेरा
तू सबका दाता है .
तेरे हाथ मैं सारी दुनिया
मेरे हाथ मैं क्या है
तुझको देखूं जिसमे एसा
दर्पण दे देना ..
आंखे बंद करूँ या .........

मेरे अन्दर तेरी लहरें
रिश्ता है सदियों का .
जैसे इक नाता होता है
सागार का नादुयों का .
करूँ साधना तेरी केवल
साधना दे देना ..
आंखे बंद करूँ या .........


हम सब हैं सितायें तेरी sai_face
हम सब राम तुम्हारे .
तेरी कथा सुनते जायेंगे
बाबा तेरे सहारे .
इस जंगल में चाहे लाखों
रावण दे देना ..
आंखे बंद करूँ या .........


मेरी मांग बड़ी साधारण
मन में आते रहियो .
हर इक साँस के पीछे अपनी
जलक दिखलाते रहियो .
नाम तेरा ले आखिर तक
वो धड़कन दे देना

आँखे बंद करूँ या .........
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