प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, August 22

तेरी शान तेरे जलाल को


तेरी शान तेरे जलाल को
मैंने जब से दिल मैं बिठा लिया |
मैं ने सब चिराग बुझा दिये
मैं ने इक चिराग जला लिया ||

तेरी याद ही मेरी आस है
तेरी धुल मेरा लिबास है |
अब मुझे तू अपना बना भी ले
मैं ने तुजको अपना बना लिया  ||
तेरी शान  ................


मुझे धुप-छावं का गम नहीं
तेरे काँटों फूलों से कम  नहीं |
मुझे जान से भी अज़ीज़ है
इस चमन मैं तेरा दिया लिया  ||
तेरी शान  ................

तेरी रहमते बेहिसाब हैं
करूँ किस जुबान से शुक्रिया |
मुझसे जब भी कोई खता हुई
तुने फिर गले से लगा लिया  ||
तेरी शान  ................

तू अमीर है मैं गरीब हूँ
तेरा मेरा रिश्ता अजीब है |
कभी रुक गया तो चला लिया
 कभी गिर गया तो चला लिया ||
तेरी शान  ................

कभी आसमां पे है आदमी
कभी आदमी है ज़मीन पर |
ये सजा भला उसे क्यों मिले
जिसने अपने सर को झुका लिया ||
तेरी शान  ................

मेरे साथ साया है साईं का
बस ये तसल्ली की बात है |
मैं तेरी नज़र से न गिर सका
मुझे हर नज़र ने गिरा लिया ||
तेरी शान  ................
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