प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, August 22

तूझे एक दिन खुद को पहाचानना हैं |

झमाने कि चिंता में, काहे पडा हैं |
तेरे साथ साई, तुझे फिक्र क्या हैं ||

तूझे एक दिन खुद को पहाचानना हैं |
तेरी आत्मा हि परमात्मा हैं ||
जमाने कि .....

किसी और में हैं चलने कि शक्ती |

तू कैसे समझता हैं खुद चळ रहा हैं ||
जमाने कि  .....

कहां तक सजाएगा अपने बदन को |
ये हैं बोज इसको यही छोडना हैं ||
जमाने कि .....

गले से लगा गम कि कथिनाइयो को |
तेरे पिछले जन्मो का ये सिलसिला हैं ||
जमाने कि .....

खाता करनेवाले सजा तो मिलेगी |
तुझे तेरे अंदर से वोह देखता हैं ||
जमाने कि .....

वो आगाज हैं और वो अंजाम तेरा |
वो हि इब्तदा hai, वो हि इंतीहा हैं ||
जमाने कि .....
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1 comment:

  1. Sai baba ek mulla hai iska nam bhagvvan shri krishna ke sath kyon jod rahi ho ,kya bhagvvan ke uper pura viswas nahi hai ,jo is mulle ka sahara lena pad raha hai ,iska naam kahi sastron me bhi nahi aaya hai to ye bhagvan kaise ho gaya

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